भारतीय मृदा का वर्गीकरण, प्रकार ,विशेषताएं- Indian soils types
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भारतीय मृदा का वर्गीकरण - classification of Indian soil
भारत में अनेक प्रकार की मिट्टियां पाई जाती है सुविधा की दृष्टि से भारतीय मिट्टी का वर्गीकरण कई सर्वेक्षण विश्लेषण कई गैर सरकारी तथा सरकारी संगठनो ने किया है भारतीय मिट्टी को मुख्यतः 5 वर्गों में विभाजित किया गया है
भारतीय मृदा के प्रकार या वर्गीकरण (Indian soil types)
- 1.जलोढ़ मिट्टी 4.3.4%,
- 2.लाल मिट्टी 18.6%,
- 3.काली मिट्टी 15.2%
- 4.लेटराइट मिट्टी 3.7%
- 5.पर्वतिये मिट्टी
- 6.मरुस्थलीय मिट्टी
- 7.वन्य मिट्टी
तथा अन्य मिट्टियां 17.91%क्षेत्रफल पर पाई जाती है
1.लेटराइट मिट्टी - भारतीय मृदा का वर्गीकरण-Soil classification
लेटराइट मिट्टी |
लेटराइट मिट्टी यह मिट्टियां मुख्यता उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहां सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है लेटराइट मिट्टी में लोहा एवं एलमुनियम की अधिकता जबकि नाइट्रोजन ,पोटाश, चूना एवं जैविक तत्व की कमी होती है यह मिट्टी प्राय: अनुवर्र है किन्तु उर्वरकों का प्रयोग करके चावल रागी मक्का गन्ना काजू आदि फसलें उगाई जाती है भारतीय मृदा का वर्गीकरण (Indian soils classification) इन के अंतर्गत क्षेत्र पूर्वी घाट पश्चिमी घाट असम मेघालय प्रमुख हैं
2.काली मिट्टी -भारतीय मृदा का प्रकार
काली मिट्टी |
इसे रेगुर मिट्टी भी कहते हैं इसमें मुख्यतः कपास की खेती की जाती है इसलिए इसे कपासी मिट्टी कहते हैं इस मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी उद्गार से निकले लावा पदार्थ के जमाव से हुआ है इसलिए इस मिट्टी को अग्नियेें मिट्टी भी कहा जाता है भारतीय मृदा का वर्गीकरण (Indian soils classification)
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3.लाल मिट्टी -indian geography । Ssc
4.जलोढ़ मिट्टी - indian soils
5.पर्वतीय
पर्वतीय मिट्टी पर्वत के ढालो एवं घाटी में पाई जाती है इन मिट्टी में चाय का भी आलू तथा वृक्ष दार फसलों को उत्पादित किया जाता है।
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6.मरुस्थलीय मिट्टी (desert soils)- progkstudy
मरुस्थलीय मिट्टी राजस्थान सौराष्ट्र कच्छ हरियाणा धुरी पंजाब में लगभग1.42 लाख किलोमीटर(2) क्षेत्रफल पर पाई जाती है यह मिट्टी बलूयी एवं बजरी युक्त होती है यह प्रायः छारीय मिट्टी है इसमें नाइट्रोजन कैलशियम कार्बोनेट तथा जैविक तत्वों की कमी पाई जाती है सिंचाई की व्यवस्था करके ज्वार बाजरा एवं मोटे अनाज की खेती की जाती है
7.वन्य मिट्टी (forest soils) -Indian soils
वन्य मिट्टियां हिमालय की शंकुधारी वन क्षेत्रों में 3000 मीटर की ऊंचाई पर मिलती है यहां भूमि पत्तियों से ढकी होती है मिट्टी का रंग पराया गहरा तथा वन्य मिट्टियों में जीवाश्म की प्रचुरता किंतु पोटाश फास्फोरस एवं चूना की कमी होती है वन्य मिट्टी बागवानी फसलों में फलों के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण होती है
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8.पीट एवं दलदली मिट्टी - वर्गीकरण,विशेषताएं
पीट एवं दलदली मिट्टी वर्षा ऋतु में जलमग्न हो जाते हैं जिससे काली मिट्टी भारी एवं अम्लीय हो जाती है इस मिट्टी में जैविक पदार्थों की अधिकता जबकि एवं फास्फेट की कमी होती है यह मिट्टी पराया धान की खेती के लिए उपयुक्त होती है
9.अन्य मिट्टी (indian soils) भारतीय मृदा
क्षारीय मिट्टी जिसे रेस, कल्लर ,थूर चोपन आदि नामों से जानते हैं इन मिट्टियों में जिप्सम का प्रयोग करके बरसीम चावल तंबाकू आदि फसलें उत्पादित की जाती है
What is soil । soil definition । भारतीय मृदा
मिट्टी कई ठोस, सरल और जैसे पदार्थों का एक मिश्रण है। यह भूपर्पटी के सबसे ऊपरी भाग में पाई जाती है इनमें निर्जीव और सजीव दोनों तरह के पदार्थ पाए जाते हैं धरातलीय चट्टानों के अपक्षय जलवायु पौधों और करोड़ों भूमिगत जीवो के बीच होने वाले परस्पर क्रियाकलापों का अंतिम परिणाम ही मिट्टी है इन भौतिक रासायनिक तथा जैविक क्रिया प्रक्रियाओं के 1 लंबी अवधि तक कार्यरत रहने से ही मिट्टी की परतों का निर्माण होता है
मृदा के उपयोग,मिट्टी का महत्व
मिट्टी का महत्व मिट्टी एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है क्योंकि मिट्टी की ऊपरी 1 सेंटीमीटर मोटी परत को बनाने में डेढ़ सौ से 200 वर्षों का समय लगता है मिट्टी का महत्व लिखित तत्वों से स्पष्ट हो जाता है
मृदा के उपयोग, मिट्टी का महत्व-
- स्थलीय भागों पर मिट्टी ऑनर्स पतियों की पोषक तत्व और वनस्पतियां जीव जंतुओं के लिए पोषक तत्व है यह विभिन्न जातियों एवं किस्मों की स्थलीय पेड़ पौधे एवं जीव जंतुओं के लिए अनुकूल पर्यावरण दशाएं एवं आवास उपलब्ध कराती है
- भारत जैसे कृषि प्रधान देश में तो मिट्टी का उपयोग या महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां ज्यादातर जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृष पर ही आश्रित है भारत के विशाल मैदान में पाई जाने वाली उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी से विशाल जनसंख्या का भरण पोषण होता है अतः भारत में आर्थिक दृष्टि से मिट्टी की उपयोगिता
- मिट्टी वर्षा के जल को अपने अंदर संचित करके भूमिगत जल का भंडारण करती है इस जल को वनस्पति तथा मिट्टी में रहने वाले जीव ग्राहण करते हैं
Indian soil । Gk in Hindi
Gk in Hindi । Indian soils
प्रिय पाठकों,
विगत वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं के विभिन्न पदों के लिए होने वाली परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन का महत्त्व काफी बढ़ गया है। हाल के कुछ परीक्षाओं में तो 95 प्रतिशत प्रश्न सामान्य अध्ययन से पूछे गए है। विगत वर्षों में आयोजित रेलवे Ssc, ias, PCS, upsc के लगभग परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों का विस्तृत व्याख्या सहित हल मुख्य बिन्दु के रूप में प्रस्तुत किया गया है।साथ-ही-साथ Blog पर विभिन्न विषयों का संग्रह दिया गया है, जो परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है।भारतीय मृदा -भारतीय मृदा का वर्गीकरण, प्रकार ,विशेषताएं , indian geography । Ssc
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पुनः अति महत्तवपूर्ण विषय के अंतर्गत क्षेत्रीय सामान्य ज्ञान,राष्ट्रीय प्रतीक एवं चिह, पुरस्कार एवं सान. खेल -कुद, विश्व दर्शन, परिवहन, संचार, फिल्म जगत, भारतीय मृदा -भारतीय मृदा का वर्गीकरण, प्रकार ,विशेषताएं , indian geography । Ssc ,उद्योग, बैंकिंग, मुद्रा-प्रणाली, बजट एवं बैट, कला एवं संस्कृति, सह शरीर, भारतीय प्रतिरक्षा, हमारी पृथ्वी, नोबेल पुरस्कार, प्रमुख गवर्नर जनरल एवं वायसराय के अलावा इतिहास राजव्यवस्था व्यवस्था,भूगोल, विज्ञान तथा कम्प्यूटर से संबंधित विषयों पर इनके अंतर्गत पूछे जाने वाले प्रश्नों का क्रमानुसार संग्रह दिया गया जो आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी।
Very nice ...
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